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    फास्ट ट्रैक कोर्ट

    Last updated: 17-03-2023

    Fast track courts (FTCs)

    फास्ट ट्रैक कोर्टों की स्थापना और इनके कार्य करने का मामला संबंधित उच्च न्यायालयों के परामर्श से राज्य सरकारों के क्षेत्र में आता है। 14वें वित्त आयोग ने जघन्य अपराधों, महिलाओं, बच्चों, और वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित मामलों, एचआईवी / एड्स आदि से संबंधित मामलों और 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित संपत्ति से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए वर्ष 2015-20 की अवधि के दौरान 1800 फास्ट ट्रेक कोर्ट स्थापित करने की सिफारिश की थी। आयोग ने राज्य सरकारों से इस प्रयोजन के लिए, बढ़ाए गए कर हस्तांतरण (32% से 42%) के माध्यम से उपलब्ध बढे़ हुए राजस्व का उपयोग करने का भी अनुरोध किया है। वर्ष 2014 तक इन फास्ट ट्रैक कोर्टों द्वारा 33 लाख से भी अधिक लंबित मामलों का निपटान किया गया । जनवरी, 2023 की स्थिति के अनुसार, पूरे देश में 843 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्य कर रहे हैं।

    अधिक जानकारी के लिए https://dashboard.doj.gov.in/fast-track-court/ पर जाएँ ।