फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) की स्थापना और इसकी कार्यप्रणाली संबंधित उच्च न्यायालयों के परामर्श से राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती है। 14वें वित्त आयोग ने जघन्य अपराधों के मामलों; महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, एचआईवी/एड्स आदि से संबंधित दीवानी मामले और 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित संपत्ति संबंधी मामलों से निपटने के लिए 2015-20 के दौरान 1800 फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) की स्थापना की सिफारिश की थी। आयोग ने राज्य सरकारों से इस उद्देश्य के लिए कर हस्तांतरण (32% से 42%) के माध्यम से उपलब्ध बढे हुए राजकोषीय मुनाफे का उपयोग करने का भी आग्रह किया। देश भर में (जुलाई, 2023 तक) 855 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत हैं । वर्ष 2014 से अब तक फास्ट ट्रैक कोर्टों द्वारा कुल 33 लाख से अधिक लंबित मामलों का निपटारा किया गया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट
Last updated: 01-09-2023

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