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    ई-कोर्ट्स

    ई-कोर्ट एक मिशन मोड परियोजना है जो भारत में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और त्वरित बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है ।

    यह परियोजना, न्याय विभाग, विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार और ई-समिति, भारत के उच्चतम न्यायालय की संयुक्त भागीदारी के तहत संबंधित उच्च न्यायालयों के माध्यम से विकेंद्रीकृत तरीके से कार्यान्वित की जा रही है ।

    परियोजना के चरण-I को 2010 में अनुमोदित किया गया था और 2015 तक 639 करोड़ रुपए की लागत पर 14,249 जिला और अधीनस्थ न्यायालयों के कंप्यूटरीकरण किया गया था ।

    इस परियोजना का चरण-II को जिसमें और संवर्धन करने का विचार किया गया है, 2015 में चार वर्ष की अवधि के लिए या परियोजना के पूरा होने तक, 1670 करोड़ रुपए के बजट से शुरू किया गया था ।

    दूसरे चरण में वादियों और वकीलों को प्रौद्योगिकी समर्थित बुनियादी ढांचा प्रदान करके न्यायिक सेवा बढ़ाने पर बल दिया गया है । इसमें बेहतर आईसीटी अवसंरचना, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेब पोर्टल, ऐप, न्यायिक सेवा केंद्र, क्योस्क आदि सहित सात प्लेटफॉर्म में बेहतर पहुँच शामिल है ।

    इस परियोजना में अधिकारियों की क्षमता निर्माण करना, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के लिए आईसीटी संबंधी प्रावधान करना, तालुक विधिक सेवा समितियों और राज्य न्यायिक अकादमियों के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया की पुनः इंजीनियरिंग करना भी शामिल है ।

    जैसे-जैसे चरण-II पूरा होने की ओर अग्रसर है, चरण-III पर काम शुरू हो गया है, ई-कोर्ट परियोजना चरण-II के लिए विजन दस्तावेज़ की अवधारणा तैयार की गई है और इसे सार्वजनिक डोमेन पर साझा किया गया है और ई-कोर्ट परियोजना चरण-III के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भारत के उच्चतम न्यायालय की ई-समिति द्वारा तैयार की जा रही है ।