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    विजन दस्तावेज

    राष्ट्रीय न्याया प्रदायगी और विधिक सुधार मिशन (नेशनल मिशन फॉर जस्टिस डिलीवरी एंड लीगल रिफॉर्म्स) की स्थापना अगस्त, 2011 में न्याय प्रणाली में देरी और मामलों के बकयों को कम करने और संरचनात्मक परिवर्तनों के माध्यम से जवाबदेही बढ़ाने के दोहरे उद्देश्यों के साथ की गई थी, जिससे प्रदर्शन मानकों और क्षमताओं को स्थापित किया गया था । यह मिशन, न्यायिक प्रशासन में बकाया और पेंडेंसी के चरणबद्ध परिसमापन के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण का अनुसरण कर रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, कम्प्यूटरीकरण करना, अधीनस्थ न्यायपालिका के संख्याबल में वृद्धि करना, अत्यधिक मुकदमे वाले संभावित क्षेत्रों में नीति और विधायी उपाय करने सहित अदालतों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा बनाना, मामलों के त्वरित निपटान के लिए अदालती प्रक्रिया की पुनसंरचना (री-इंजीनियरिंग) करने और मानव संसाधन विकास पर जोर देना शामिल है ।

    राष्ट्रीय मिशन और कार्य योजना और उसके कार्यान्वयन के लक्ष्यों, उद्देश्यों और रणनीतियों पर सलाह देने के लिए विधि और न्याय मंत्री की अध्यक्षता में व्यापक सदस्यता के साथ एक सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। विजन स्टेटमेंट से प्रेरित 5 रणनीतिक पहलों के तहत राष्ट्रीय मिशन की एक कार्य योजना तैयार की गई थी, जिसकी समय-समय पर राष्ट्रीय मिशन की सलाहकार परिषद द्वारा समीक्षा की जाती है । सलाहकार परिषद की अब तक ग्यारह (11) बैठकें हो चुकी हैं। सलाहकार परिषद की अंतिम बैठक 19.02.2019 को हुई थी। राष्ट्रीय मिशन के तहत गतिविधियाँ एक चालू प्रकृति की हैं और नियमित रिपोर्टें, राष्ट्रीय मिशन की सलाहकार परिषद के समक्ष प्रस्तुत की जाती हैं ।

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