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    विभाग के कार्य

    1. भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति, त्यागपत्र और निष्कासन; उनके वेतन, अनुपस्थिति की छुट्टी (छुट्टी भत्ते सहित), नियुक्ति के संबंध में अधिकार, पेंशन और यात्रा भत्ते
    2. उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन (अधिकारिता और शक्तियों को छोड़कर) (लेकिन ऐसे न्यायालय की अवमानना सहित) और उसमें ली जाने वाली फीस
    3. इन न्यायालयों के अधिकारियों और सेवकों के प्रावधानों को छोड़कर उच्च न्यायालयों और न्यायिक आयुक्तों के न्यायालयों की स्थापना और गठन करना
    4. संघ शासित प्रदेशों में अदालतों की स्थापना और गठन और ऐसी अदालतों में ली जाने वाली फीस
    5. वित्त आयोग के अवार्ड के तहत अनुशंसित और अनुमोदित प्रस्तावों का कार्यान्वयन करना
    6. न्यायालयों में संस्थित मामलों, उनके निपटान, लंबित मामलों और विचाराधीन कैदियों की स्थिति की निगरानी पर डेटा संग्रह करना
    7. न्यायिक सुधारों के लिए नीतिगत उपाय शुरू करना
    8. न्याय वितरण और कानूनी सुधार के लिए राष्ट्रीय मिशन की स्थापना और संचालन करना
    9. यौन अपराधों के मामलों के त्वरित विचारण और निपटान के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) की स्थापना करना
    10. अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (AIJS) का सृजन करना
    11. न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और उसके आधुनिकीकरण के लिए विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन करना
    12. न्याय विभाग ई-ऑफिस, सांख्यिकीय विंग का सुदृढ़्रीकरण, आधिकारिक वेबसाइट का सुधार और उसके बाद प्रशिक्षण देना
    13. राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी से संबंधित सभी मामले
    14. कोर्ट परियोजना के एक भाग के रूप में भारत के उच्चतम न्यायालय की ई- समिति के साथ निकट समन्वय में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और WAN कनेक्टिविटी के प्रावधान द्वारा सभी जिला और अधीनस्थ न्यायालय परिसरों के सार्वभौमिक कम्प्यूटरीकरण के उद्देश्य को प्राप्त करना
    15. न्याय तक पहुंच के मामले को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना “डिजाइनिंग इनोवेटिव सोल्यूशन्स फॉर होलिस्टिक एक्सेज़ टू जस्टिस इन इंडिया (DISHA) ” का कार्यान्वयन करना
    16. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) से संबंधित सभी मामले ।